Bhagvad Gita - Lesson 11 - Suggested Answers
Q1) What does the word Madhusudan mean?
A1) Madhusudan means the killer of demon Madhu. Lord Krishna had killed demon Madhu and now Arjuna wanted Lord Krishna to kill his demon of doubts and ignorance which have overtaken him in discharge of his duties at the battlefield
Symapthy for the dress of a drowning man senseless as per Bhagwat Gita. A man drowning in the ocean of ignorance cannot be saved simply by rescuing his outward skin—the materialistic body.what matters is the soul the inner being and One who is concerned merely for the outward body suffers hence called a shudra.
Q3) What are the 3 phases to understand God or Absolute Truth. Explain with the example of the sun?
Three phases are Brahman or the impersonal all pervasive spirit Parmatma or the localized aspect of the Suupreme within ou the heart of all living entities and Bhagvan or the supreme Personallity of Godhead Lord Krishna The sun has three aspects namely sunshine the sun's surface and the sun planet itself.
Q4) What is the definition of Bhagvan?
The Supreme Personality who possesses all wealth, all strength, all fame, all beauty, all knowledge and all renunciation is called Bhagawan. Because no one can have all of these combined together other then Krishna , he is acclaimed as the Bhagwan, supreme personality of godhead.
Lord Krsna is God ,can be claimed because He is the Supreme Personality of Godhead. No living entity, including Brahma, Lord Siva, or Narayana, can possess opulences as fully as Krsna. Therefore it is concluded in the Brahma-samhita by Lord Brahma himself that Lord Krsna is the Supreme Personality of Godhead. No one is equal to or above Him. He is the primeval Lord, or Bhagavan, known as Govinda, and He is the supreme cause of all causes.
१.मधुसूदन शब्द का क्या अर्थ है?
१.भगवान ने मधू नामक असुर का वध किया था इसलिए उनका एक नाम मधुसूदन भी है। अर्जुन चाहते थे कि कृष्ण भी उनके अज्ञान रूपी असुर का वध करें।
२.अगर कोई डूब रहा है और हम केवल उसकी कमीज़ बचाते हैं तो क्या यह बुद्धिमत्ता हैं? कृपया आत्मा के उदाहरण द्वारा समझाइए?२. अगर कोई डूब रहा है और हम केवल उसकी शर्ट बचाते हैं तो यह बुद्धिमानी नहीं है। हमें उस व्यक्ति को बचाना होगा।उसी प्रकार अगर हम सिर्फ अपने शरीर का ख्याल रखते हैं और आत्मा का नहीं तो यह गलत है क्योंकि शरीर तो नश्वर है परन्तु आत्मा शाश्वत है।
३.भगवान या परम सत्य को समझने के तीन चरण क्या है? सूर्य के उदाहरण द्वारा समझाइए?३. भगवान या परम सत्य को समझने के तीन चरण है - ब्रह्म, परमात्मा तथा भगवान। इसकी व्याख्या सूर्य के उदाहरण द्वारा की जा सकती है-सूर्य का प्रकाश, सूर्य की सतह एवं सूर्य लोक स्वयं।
४.भगवान की परिभाषा क्या है?
४. व्यास देव के पिता पराशर मुनि ने भगवान की परिभाषा इस प्रकार दी है- समस्त धन, शक्ति, त्याग,यश, सौंदर्य तथा ज्ञान से युक्त परम पुरुष भगवान कहलाता हैं।
५. ब्रह्मसंहिता में स्वयं ब्रह्माजी ने कहा है की श्री कृष्ण स्वयं भगवान है। ईश्वर तो बहुत है पर परम ईश्वर कृष्ण हैं। उनका शरीर सच्चिदान्नदमय है। वे आदि भगवान गोविंद हैं और समस्त कारणो के कारण हैं। भगवान के बहुत अवतार हैं अंश हैं , अंश के अंश हैं पर कृष्ण स्वयं भगवान हैं। उन्ही से परमात्मा निकलते हैं, उन्ही से ब्रह्म भी हैं , उनका आकार है, वो निराकार भी हैं, वो सब कुछ हैं। अतः कृष्ण आदि , भगवान , परम सत्य, परमात्मा, तथा निर्विशेष ब्रह्म दोनो के उद्गम हैं।