Bhagvad Gita - Lesson 13 - Suggested Answers
Q1) What is knowledge?
Knowledge means to know matter and spirit and the controller of both i.e Supreme
Q2) What is Mayavadi philosophy?
Mayavadi philosophy says, after liberation the individual soul, separated by the covering of Maya, or illusion, will merge into the impersonal Brahman and lose its individual existence.
Since every living entity is an individual soul, each is changing his body every moment, manifesting sometimes as a child, sometimes as a youth and sometimes as an old man. Yet the same spirit soul is there and does not undergo any change.
Q4) Explain the shloka : ' Matras sparshas tu.... give the example of the duty of a housewife.The meaning of this shloka is that one has to perform his duties irrespective of the circumstances. Happiness and distress are like coming of summer and winter seasons, which are just sense perceptions which we should be undisturbed of. Like a woman who cooks in kitchen no matter how hot in summer because of responsibility to perform her duties.
१.ज्ञान का अर्थ क्या हैं?
ज्ञान वह है जो जनता है कि शरीर तथा आत्मा क्या हैं असली ज्ञान सबसे ऊंचा ज्ञान वह हैं जिससे आप यह जान सकते हैं कि यह शरीर और भौतिक चीज़े क्या हैं आत्मा क्या हैं और भगवान कौन हैं। जिसके पासज्ञान नहीं है वह सर्वथा अयोग्य वस्तु शरीर के लिए शोक करता हैं
२.मायावादी दर्शन क्या हैं?मायावादी दर्शन के अनुसार हम सभी अभी माया में हैं , हम यह भूल गए हैं कि हम भी भगवान् हैं तथा मुक्ति (मृत्यु) के बाद आत्मा माया के आवरण से अलग होकर निराकार ब्रह्म में लीन हो जायेगा और अपना अस्तित्व खो देगा।
३.एक उदाहरण के साथ "देहिनोऽसि्मन्यथा .... " श्लोक का अर्थ स्पष्ट कीजिए।प्रत्येक जीव एक व्यष्टि आत्मा है। वह सदैव अपना शरीर बदलता रहता है। कभी बालक फिर युवा इसके बाद वृद्ध अवस्था में भी आता हैं। शरीर में परिवर्तन होते रहते हैं पर आत्मा वही रहती है। इसीप्रकार व्यष्टि आत्मा शरीर त्यागने (मृत्यु) पर भी वही रहती हैं बस शरीर बदल जाता है और धीर व्यक्ति को इसका ज्ञान होता हैं इसलिए वह शोक नहीं करता। जो अच्छा काम करेगा उसे उसी अनुसार शरीर मिलेगा औरजो कृष्णा की भक्ति करेगा वह गोलोकधाम को भी प्राप्त कर सकता है।
४.एक गृहिणी के कर्तव्य वाले उदाहरण से "मात्रास्पर्शास्तु ......." श्लोक का अर्थ समझाइए।अपने कर्तव्य को करते हुए सुख तथा दुख को समान रूप से सहना चाहिए। जैसे कभी सर्दी आती है तो कभी गर्मी। तो जो गृहिणी होती है वह मई जून अर्थात भीषण गर्मी में भी खाना बनाने से हिचकती नहीं।