Bhagvad Gita - Lesson 35 - Suggested Answers

Q1) Please explain the shloka of B.G 4.8. Paritranaya...?

To deliver the pious and to annihilate the miscreants, as well as to reestablish the principles of religion, I Myself appear, millennium after millennium.

भक्तों का उद्धार करने, दुष्टों का विनाश करने तथा धर्म की फिर से स्थापना करने के लिए वे हर युग में प्रगट होते हैं l वैसे तो भगवान के लिए आवश्यक नहीं है कि वे इन के विनाश के लिए इस रूप में अवतरित हो l भगवान के ऐसे अनेक अनुचर हैं जो असुरों का संघार करने में सक्षम है l परंतु भगवान अपने भक्तों को तुष्ट करने के लिए यह विशेष अवतार लेते हैं , ताकि वह कुछ लीलाएं करें और भक्तों को प्रसन्न कर सकें l

Q2) Why did Lord Krishna come as Chaitanya Mahaprabhu?

Lord Caitanya Mahāprabhu, who spread the worship of Kṛṣṇa by the saṅkīrtana movement (congregational chanting of the holy names) and spread Kṛṣṇa consciousness throughout India. He predicted that this culture of saṅkīrtana would be broadcast all over the world, from town to town and village to village. Lord Caitanya as the incarnation of Kṛṣṇa, the Personality of Godhead.

भगवान कृष्ण हर युग में आते हैं l इस कलयुग में भगवान चैतन्य महाप्रभु के रूप में आए l भगवान कृष्ण शक्तिमान है और श्रीमती राधारानी उनके शक्ति l जब दोनों शक्तिमान कृष्ण और शक्ति राधा रानी मिल जाते हैं तो चेतन महाप्रभु बन जाते हैं l चेतन महाप्रभु स्वयं कृष्ण है उन्होंने राधा रानी के भाव और उनका सुनहरा रंग ले लिया जब वह गोरे रंग में रम जाते हैं तो गौरांग या श्री चैतन्य महाप्रभु कहलाते हैं l चेतन महाप्रभु के रूप में आए और संकीर्तना आंदोलन के द्वारा कृष्ण पूजा का प्रचार किया और पूरे भारत में कृष्ण भावना मृत का विस्तार किया l" जा रे देखो तारे कोहो कृष्ण उपदेश 

Q3) What are the advantages of Krishna prem?

The advantages of krsna prem :- we get liberated from birth death old age and disease, no more entanglement of the three modes of material nature and we can go to Goloka Vṛndāvana where we can enjoy with the Lord as there is all sat chit and Ananda.

कृष्ण प्रेम जिनको मिलता है वह जन्म मृत्यु के चक्कर से छूट जाते हैं l उनको मुक्ति मिल जाती है l वे जन्म ,मृत्यु ,जरा ,व्याधि के चक्कर से छूट जाएंगे l ना कोई क्लेश सताएगा आदिभौतिक , आदिदेविक और आध्यात्मिक है l वे सीधे भगवान के धाम चले जाएंगे l

Q4) What was the prediction of Chaitanya Mahaprabhu. Has it come true?

Chaitanya Maahaprabhu predicted, "Prithvi tey achey jotto Nogar adi gram, sarvatra prachaar hoibey moro naam." Means in every city and village of the earth people would take Krishna name. Harinaam sankirtan today is done by his devotees all over the world. Yes the prediction has come true through the establishment of ISKCON ab krishna naam sampurna jagat mey liya jata hai.

चेतन महाप्रभु की भविष्यवाणी थी कि , 500 साल पहले उन्होंने कहा था " पृथ्वी ते अच्छे joto नगर आदि ग्राम सर्वत्र प्रचार होवे अlमlर नाम "जब वह थे तब केवल भारत के लोग ही हरिनाम करते थे l हां ,उनकी वाणी सत्य हुई अभी उनकी भविष्यवाणी पूरी हुई अभी पूरी पृथ्वी पर हरि नाम किया जाता है , प्रभुपाद जी की कृपा से l

Q5) Who established ISKCON and why?

A.C. Bhaktivedanta Swami Prabupaad established ISKCON to publicise harinaam sankirtan movement all over the world and make people fall in love with Krishna. To chant HARI NAAM jap and do kirtana to please Lord Krishna is the motive of devotees of ISKCON movement. To make people aware of wonders Krishna bhakti may do to them.

इस्कॉन के स्थापक हैं श्री श्रीमान ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी l चेतन महाप्रभु की भविष्यवाणी को पूरा करने के लिए ,उनके गुरु ने कहा चैतन्य महाप्रभु का संकीर्तन आंदोलन पूरी पृथ्वी में प्रचार करो l