Bhagvad Gita - Lesson 9 - Suggested Answers

Lesson #9 - Answers

1. What is the meaning of Govind ? What happens when we try to satisfy Govind's senses ?
A1: Arjuna has addressed Lord Kṛṣṇa as Govinda because Kṛṣṇa is the object of all pleasures for cows and the senses. If we try to satisfy the senses of Govinda, however, then automatically our own senses are satisfied. 

2. What are the six types of aggressors?
A1: The six types of aggressors are : 1) a poison giver, 2) one who sets fire to the house, 3) one who attacks with deadly weapons, 4) one who plunders riches, 5) one who occupies another's land and 6) one who kidnaps another's wife.

3. What is the meaning of Madhav ? Does Lord Krishna bring misfortune to anyone?
A3: Madhav means the husband of the goddess of Fortune. Arjun was trying to convey Krsna that he shouldn't engage in any activity which would bring misfortune to anyone, but little did he knew that Krsna never brings misfortune to anyone, especially of his devotees. So hence, we get to know that Krsna doesn't bring misfortune to anyone.

१.गोविन्द का क्या अर्थ है? यदि हम गोविंद की इन्द्रियों को तुष्ट करने का प्रयास करते हैं तो क्या होता है?

गोविंद का अर्थ है जो इन्द्रियों को सुख दे।यदि हम अपनी इन्द्रियों से भगवान की सेवा करते हैं तो हमारी इन्द्रियॉं अपने आप ही प्रसन्न हो जाती हैं और गोविन्द की कृपा से जीव की सब इच्छाएँ पूर्ण हो जाती हैं।

२. छ: प्रकार के आततायियो के नाम बताइए?

1)विष देने वाला 2) घर में आग लगाने वाला 3)घातक हथियार से हमला करने वाला 4)धन लूटने वाला 5)दूसरी की भूमि हड़पने वाला 6)पराई स्त्री का अपहरण करने वाला

३.अर्जुन द्वारा प्रयुक्त "माधव" शब्द का क्या अर्थ है? क्या भगवान कभी किसी का अनिष्ट कर सकते हैं?

भाग्य की देवी लक्ष्मी के पति को माधव कहते हैंं। अर्जुन कायर नहीं था , वह दयावान था वह अपने आततायी सगे सम्बन्धियों को मारना नहीं चाहता था अत:उसने कहा माधव आप मुझ से दुर्भाग्य का काम क्यों करवाना चाहते हैं कृष्ण तो आतताइयों को उनके कर्मों का फल देना चाहते थे वरना भगवान तो कभी भी किसी का अनिष्ट नहीं कर सकते , अपने भक्तों का अमंगल तो वह कभी नहीं कर सकते वह तो भक्तों के अधीन हैं भक्तों का सदा मंगल ही करते हैं.